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computer kya hai? | कंप्यूटर क्या है

  कंप्यूटर क्या है?

Computer kya hai?



रेडियो, टेलीविजन, म्यूजिक सिस्टम व वसीआर की तरह कंप्यूटर भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन ही है, परंतु उनमें और अन्य मशीनों में एक विशेष अंतर है। रेडियो, टेलीविजन आदि मशीनें अधिकतर मनोरंजन के काम में ही ली जाती है जबकि कंप्यूटर उपयोगी कार्य करने के लिए निर्मित मशीन है।


आम बोलचाल की भाषा में कहें तो कंप्यूटर एक मशीन है, जो घंटों का काम मिनटों में पूरा करता है। 'कंप्यूटर अंग्रेजी भाषा का शब्द है' जिसका अभिप्राय गणना करने वाली मशीन से है। लेकिन यह परिचय अधूरा है। यह केवल हिसाब में है। जोड़,घटाव,गुणा करने वाली मशीन ही नहीं बल्कि अन्य विषयों पर विचार करने एवं अविश्वसनीय गति से कार्य पूर्ण करने में समर्थ है। आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर की सक्रिय भूमिका मानव इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि है।


कंप्यूटर का फुल फॉर्म

Computer ka ful form 


C - commonly - समरूपता

O - operator - चालक

M - machine - यंत्र

P - particular - मुख्य

U - user - प्रयोग

T - trade - व्यवसाय 

E - education - शिक्षा

R - research - अनुसंधान


कंप्यूटर और मानव

Computer and human

मानव के मस्तिष्क होता है जिसके द्वारा वह स्वतंत्र रूप से सोच सकता है, गणना कर सकता है, और आंख-कान जैसी ज्ञानेन्द्रियो द्वारा जानकारी प्राप्त करके तर्कसंगत निर्णय भी ले सकता है। वह अपने विचारों को बोलकर या लिखकर प्रकट कर सकता है।



कंप्यूटर भी कुछ इसी प्रकार से कार्य करते हैं। तूने जानकारी कुंजीपटल या अन्य इनपुट युक्तियों से प्राप्त होती है। वह पहले से प्राप्त डिस्को पर संचित जानकारियों का भी प्रयोग कर सकता है। किसी कार्य विशेष को करने के लिए क्रमबद्ध आदेश ( प्रोग्राम ) उसे कुंजीपटल पर टाइप करके भी दिया जा सकता है और वह उसे रिकॉर्ड की हुई डिस्क में से भी ले सकता है। कंप्यूटर के अंदर लगी सीपीयू उसके मस्तिष्क की तरह से कार्य करती है। वह सारी उपलब्ध जानकारी (डेटा और प्रोग्राम) के अनुसार संगणना कर देता है और परिणाम मॉनिटर के पटल पर दिखा देता है, या स्थाई रूप से संचित रखने के लिए प्रिंटर द्वारा कागज पर छाप देता है।


मानव और कंप्यूटर में अंतर
difference between human and computer


कार्य                   मानव                      कंप्यूटर

गति ‌‌ ‌                अत्यंत तीव्र                    धीमी

कल्पना+विचार       प्रबल                         शून्य

निर्देश-पालन        निश्चित नहीं                    99%

क्षमता                  असीमित                    सीमित

स्मरण शक्ति            सामान्य                      ऊच्च



कंप्यूटर कैसे कार्य करता है?
Computer kaise karya karte Hain

कंप्यूटर एक मशीन है। यह अपने आप काम नहीं करता है। इससे काम लिया जाता है। यह हमारी आदेश का अक्षरश: पालन करता है। आदेश का जरिया उंगलियों को घेर कर भी इससे काम कराया जा सकता है। परंतु प्रचलन में की-बोर्ड ही है। यह एक टाइपराइटर की तरह होता है। आप किसी भी प्रकार के आदेश को इसके माध्यम से कंप्यूटर को देते हैं। इसके बाद कंप्यूटर में एक हलचल होती है। आप क्या चाहते हैं इसकी जानकारी स्क्रीन पर उभर आती है। किसी भी प्रकार की कमी होने पर मॉनिटर में एरर मैसेज अंकित हो जाता है। मॉनिटर ( टीवी स्क्रीन की तरह ) सीपीयू ( टावर अथवा फ्लैट आकार में ) और की-बोर्ड मिलकर एक टर्मिनल बनता है। हालांकि साथ में एक माउस भी होता है और वह भी आपके आदेश को कंप्यूटर तक पहुंचाने का ही काम करता है। लेकिन उसकी क्षमता की-बोर्ड से कम होती है।


एक कंप्यूटर को कार्य करने के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है:

एक तो वह सूचना अर्थात् डेटा जिस पर संगणना करनी है, और दूसरी वस्तु में सूचीबद्ध आदेश है जिन के अनुरूप संगणना की जानी होती है। प्रोग्राम की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेसर एक निर्जीव वस्तु है जिसकी अपनी कोई बुद्धि नहीं होती।

प्रोग्राम व डेटा, दोनों को ही कंप्यूटर के कुंजीपटल पर टाइप करके भरा जा सकता है या फिर रिकॉर्ड किए हुए टेप या डिस्क में से लिया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक के अनुसार संगणना करता चला जाता है। परिणामों को मॉनिटर के पटल पर प्रदर्शित कर दिया जाता है, या प्रिंटर द्वारा कागज पर छाप दिया जाता है। हां, इस प्रक्रिया को करने के लिए एक अस्थायी स्मृति ( RAM ) परम आवश्यक है।



कंप्यूटर के प्रकार
Types of computer


तकनीकी रूप से हम कंप्यूटरों को दो भागों में बांट सकते हैं। पहले तरह के कंप्यूटर को एनालॉग कहा जाता है और दूसरी तरह के कंप्यूटर को डिजिटल कहा जाता है। वर्तमान समय में एनालॉग कंप्यूटर का विकास लगभग बंद हो गया और अब डिजिटल कंप्यूटर ही चलन में है। डिजिटल कंप्यूटर को हम आसानी से समझने के लिए हम चार भागों में बांट सकते हैं।

यह चार भाग हैं-

माइक्रो कंप्यूटर


मिनी कंप्यूटर


मेनफ्रेम कंप्यूटर


सुपर कंप्यूटर


माइक्रो कंप्यूटर

माइक्रो कंप्यूटर का विकास सन् 1970 मैं हो गया था। माइक्रोप्रोसेसर लगे होने के कारण इन्हें माइक्रोकंप्यूटर कहा गया। इस तकनीकी वाले कंप्यूटर आकार में छोटे, कीमत में सस्ते और क्षमता में पहले से बेहतर हैं। अभी तक हम जो भी पर्सनल कंप्यूटर प्रयोग करते हैं वह माइक्रो कंप्यूटर के ही श्रेणी में आते हैं। माइक्रो कंप्यूटर में सबसे पहला सफल कंप्यूटर पीसी एक्सीट था। जिसमें 8088 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया था। इसमें 64 किलो वाट रैम अर्थात प्राइमरी मेमोरी और 10 मेगाबाइट वाली हार्ड डिस्क का प्रयोग किया जा सकता था बाद में इसकी मेमोरी प्रयोग करने की क्षमता 1 मेगा वाट हो गई। इस कंप्यूटर में फ्लॉपी डिस्क का भी प्रयोग किया गया है जिसकी स्टोरिंग छमता 180 से 360 किलोबाइट तक थी।


पीसी-एट :

पीसी एक्सीट के बाद पीसी-एटी का चलन का प्रारंभ हुआ और 1985 में यह कंप्यूटर बाजार में आए। यह पहले से ज्यादा शक्तिशाली थे और इसमें 16 बीट का सिद्धांत प्रयोग किया गया था। जबकि एक्सीट कंप्यूटर में 8 बिट का सिद्धांत इस्तेमाल हुआ था। पीसी-एटी की श्रृंखला में निम्न कंप्यूटर आज तक बाजार में आ चुके हैं।


1.पीसी-एटी 286

2.पीसी-एटी 386

3.पीसी-एटी 386DX

4.पीसी-एटी 486

5.पीसी-एटी 486 DX

6.पेंटीयम - 4


आज हम पेंटीअम सीरीज के चौथे संस्थान को प्रयोग कर रहे हैं। इसकी कार्यक्षमता मेगाहट्र्ज से बढ़कर गेगाहर्ट्ज में पहुंच गई है।


० मिनी कंप्यूटर : 

माइक्रो कंप्यूटर के बाद मिनी कंप्यूटर का नंबर आता है। यह कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटे और पर्सनल कंप्यूटर से बड़े हैं। इन कंप्यूटरों का प्रयोग बड़ी-बड़ी कंपनियां करती हैं और इन्हें विश्वसनीय माना जाता है। कीमत में यह माइक्रो कंप्यूटर से बहुत महंगे हैं। इसलिए इनका व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल संभव नहीं है।


० मेनफ्रेम कंप्यूटर : 

मेनफ्रेम कंप्यूटर का प्रोसेसिंग शक्ति मिनी कंप्यूटर से बहुत ज्यादा होती है। ओरिया वैज्ञानिक कार्यों में योग बहुत बड़ी व्यापारिक कंपनियों द्वारा डाटा प्रोसेसिंग के संदर्भ में प्रयोग किए जाते हैं। इस कंप्यूटर पर एक साथ बहुत से व्यक्ति अलग-अलग कार्य कर सकते हैं।


० सुपर कंप्यूटर : 

सुपर कंप्यूटर अभी तक बनाए गए कंप्यूटरों से सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं और इसका प्रयोग हमारे देश में मौसम विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान में होता है। हमारी देश में सुपर कंप्यूटर बनाने वाली संस्था का नाम सीडेंग है। इस संस्था ने परम 10,000 की नाम से दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर बनाया है। सुपर कंप्यूटर की डेटा प्रोसेसिंग की क्षमता इतनी तेज होती है कि यह एक सेकंड में खरबों गणनाएं कर लेता है। आज हमारा देश भी सुपर कंप्यूटर बनाने वाले देशों की श्रेणी में आता है।









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