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UP Board Solutions For Class 12 Samanaya Hindi कथा भारती, बहादुर

Up Board Solutions for Class 12 Samanaya Hindi कथा भारती, बहादुर(अमरकांत)

 दोस्तों आज हम आपके साथ 'अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर कथा साहित्य' से संबंधित कुछ संक्षिप्त वाक्यांशों को साझा करने वाले हैं। जिसे up board परीक्षा में अक्सर हमेशा पूछा जाता है। अगर आपको यूपी बोर्ड के विद्यार्थी हैं तो आप लोगों जरूर देखे होंगें।


ध्यान दें : 

इस कहानी से संबंधित परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. कहानी के तत्वों के आधार पर 'बहादुर' कहानी की समीक्षा कीजिए

2. बहादुर कहानी की कथावस्तु लिखिए

3. 'बहादुर' कहानी के वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए

4. कथा संगठन की दृष्टि से 'बहादुर' कहानी की समीक्षा कीजिए

5. अमरकांत की संकलित कहानी 'बहादुर' की समीक्षा कीजिए

7. 'बहादुर' कहानी का संक्षिप्त कथानक अपने शब्दों में लिखें

8. पात्र योजना की दृष्टि से बहादुर कहानी की समीक्षा कीजिए

9. अमरकांत की कहानी कला की विशेषताएं संक्षेप में लिखें


उपर्युक्त दिए गए सभी प्रश्नों का उत्तर निम्नलिखित दिया गया है


उत्तर- अमरकांत की बहादुर कहानी एक मध्यवर्गीय परिवार के जीवन की समस्या को लेकर चली है। इसमें एक बेसहारा पहाड़ी लड़की की मार्मिक कथा वर्णित है। कहानी के तत्वों के आधार पर कहानी की समीक्षा इस प्रकार की जा सकती है-

शीर्षक- कहानी का शीर्षक संक्षिप्त, सारगर्भित तथा उपयुक्त है। यह इस कहानी के प्रमुख पात्र बहादुर के नाम पर आधारित है। इसे पढ़कर पाठक के मन में बहादुर के बारे में जानने की इच्छा उत्पन्न होती है। यहां पर बहादुर वीरता का प्रतीक ना होकर पहाड़ी बालक का घरेलू नौकर का पर्याय मात्र है। इस प्रकार यह एक उपयुक्त शीर्षक है।


कथानक- यह कहानी का कथानक अति संक्षिप्त तथा कौतूहलपुर्ण यह 12 13 वर्ष के एक पहाड़ी बालक बहादुर की दयनीय दशा को प्रकट करने वाली कहानी है, जो मां की मार और उपेक्षा से खींझकर शहर भाग आया है। यहां वह निर्मला के यहां नौकरी करता है। वह मेहनत तथा ईमानदारी से कार्य करता है परंतु मालिक इन उस पर सदा अविश्वास करती है। उसे डांटती फटकारती है और अपनी ने रोटी स्वयं बनाने को कहते हैं बार-बार पीटने और धमाका जाने की वजह से बहादुर से भी त्रुटियां हो जाती है। एक दिन निर्मला के यहां कोई संबंधी आए, जिनकी ₹11 खो गए। संदेह में बहादुर को क्रूरता के साथ पिटा गया। बहादुर अपना सभी सामान छोड़कर भाग गया। तब निर्मला एवं उसके पति को अपनी गलती का एहसास हुआ और पश्चाताप भी। या कहानी की मूल घटना है।


पात्र तथा चरित्र-चित्रण-कहानी में पात्रों की संख्या सीमित है। इसमें केवल चार प्रमुख पात्र हैं-बहादुर, निर्मला उसका पति और पुत्र किशोर। ये सभी पात्र मध्यम वर्ग के प्रतिनिधि हैं। बहादुर इसका सर्व प्रमुख पात्र हैं। वाह 12 13 वर्ष का एक पहाड़ी बालक है जो अपनी मां की मारपीट से खींझकर शहर भाग आया है। इस के चरित्र को सहानुभूति पूर्वक से प्रस्तुत किया गया है। उसकी मानसिक दशा के परिवर्तन को बड़ी कुशलता से चित्रित किया गया है। वह निम्न दलित वर्ग का प्रतिनिधि है। कहानी के अन्य पात्र मध्यम वर्ग के प्रतिनिधि हैं। आर्थिक तंगी होते हुए भी यह वर्ग अपनी सफेद पोशी को बनाए रखता है। लेखक की सहानुभूति इस वर्ग के साथ भी है। लेखक ने इस वर्ग की आंतरिक,मानसिक स्थिति का अनुभूति पूर्ण ढंग से चित्रण किया है। इस प्रकार लेखक को पात्रों के चरित्र चित्रण में सफलता मिली है।

देश काल और वातावरण-कहानी की रचना देशकाल को ध्यान में रखकर हुई है। अतः इसमें वातावरण का प्रभावशाली रूप दिखाई पड़ता है। संपूर्ण घटना निर्मला के घर में घटित होती है। घर की निवासी और रिश्तेदारों के व्यवहार और वार्तालाप से उसके वातावरण में वास्तविकता का रूप हमारे सामने आ जाता है। घटना के अनुरूप ही समग्र वातावरण में सघनता तथा गंभीरता आ जाती है, जो कहानी के अंत में चरम बिंदु तक पहुंच जाती हैं। वातावरण की इसी असाधारण तथा कलापूर्ण चित्रण के कारण सारी कहानी एक वास्तविक घटना जैसी प्रतीत होती है।

भाषा शैली-कहानी में सामान्य लोगों की चलती हुई व्यवहारिक भाषा का प्रयोग किया गया है। कहानी की भाषा वक्रता तथा घूम आओ फिर आओ से सर्वथा दूर सरल तथा स्वभाविक है। इसमें उर्दू के प्रचलित शब्द (बर्दाश्त, शराफत, तमीज, शायद, अफसोस आदि), दूसरे शब्दों तथा मुहावरे का भी यथा स्थान प्रयोग करके उपयुक्त वातावरण की सृष्टि की गई है।

उद्देश्य-कहानी निम्न मध्यवर्गीय समाज के मनोविज्ञान का वास्तविक चित्र अंकित करती है। आधुनिक समाज झूठे प्रदर्शन और शासन शौकत में विश्वास करता है। वह बनावटी जिंदगी जीना पसंद करता है। कहानीकार ने निम्न वर्ग के प्रति सहानुभूति रखते हुए मध्यम वर्ग के लोगों की स्थिति की वास्तविकता को समझा है। उसमें बार के भेद मिटाने को प्रोत्साहन दिया है। कहानीकार का संदेश है कि मानवीय सहानुभूति हुई वर्ग भेद मिटा सकती है।


प्रश्न- बहादुर कहानी के मुख्य पात्र दिल बहादुर का चरित्र चित्रण कीजिए।

                 अथवा

 बहादुर कहानी के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।


उत्तर-बहादुर एक चरित्र प्रधान कहानी है। एक बेसहारा पहाड़ी बालक दिल बहादुर इसका नायक है। बहादुर के चरित्र की मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार है-

असहाय और भोला-बहादुर बिहार प्रांत का रहने वाला है। माता के व्यवहार से पीड़ित होकर वह अपना घर छोड़ देता है। प्यार का व्यवहार पाकर निर्मला के परिवार का सारा कार्य संभाल लेता है।

परिश्रमी और इमानदार-बहादुर सुबह 8:00 बजे से लेकर रात्रि तक कार्य करता है। मारपीट के उपरांत भी वह दिल लगाकर कार्य करता है। चोरी नहीं करता बल्कि झूठे इल्जाम पर मार भी खाता है।

प्रेम का भूखा- वह मातृत्व प्रेम, स्नेह के व्यवहार का भूखा है, जो उसे अपने घर में नहीं मिलता। वह प्रेम शुरू में निर्मला के परिवार से मिलता है, मगर जब वह भी अच्छा व्यवहार नहीं करती तब हुआ घर छोड़ देता है।

सहनशील और स्वाभिमान-बहादुर सहिष्णु है। घर में उसे सभी डांटते हैं, लेकिन वह सब कुछ सहन कर लेता है, यहां तक कि उसे निर्मला, निर्मला का पति और किशोर सब बुरी तरह पीटते हैं। पीटाई को भी वह सहन करता है। गालियों की बौछार ए होती हैं,उनका भी वह विरोध नहीं करता, लेकिन जब किशोर उसके बाप को गाली देता है तो उसका स्वाभिमान जाग उठता है। वह उसका काम करने से इंकार कर देता है।

व्यवहार-कुशल-बहादुर एक व्यवहार कुशल बालक है। अपने इसी गुण के कारण थोड़े से समय में ही वह घर के सभी सदस्यों पर जादू का पुरा प्रभाव डाल देता है। घर के हर सदस्य के प्रति उसका बड़ा ही मृदु व्यवहार है। मोहल्ले के बच्चों को भी वह अपने गाने सुना कर मोहित कर लेता है।



मुझे आशा है कि आप लोगों को इन प्रश्नो के उत्तर से बहुत ही सहायता मिली होगी।


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